CAA kya hai: CAA नागरिकता संशोधन कानून है जो की 2019 को भारत की संसद द्वारा पारित किया गया था जिसके द्वारा सन 1955 के नागरिकता कानून को संशोधित करके यह व्यवस्था की गई है की 31 दिसंबर सन 2014 के पहले पाकिस्तान,बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत में आए हिंदू ,बौद्ध, सिख, जैन पारसी और इसाई धर्म के शरणार्थीयों को भारत की नागरिकता प्रदान की जा सकेगी।
CAA क्या है? (what is caa)
सन 2014 से लेकर 2024 तक 10 सालों में मोदी सरकार ने कई बहुत अहम और बड़े फैसले लिए हैं। यह फैसले कई वर्षों से अटके पड़े थे और जिनकी मांग लगातार होती रही है. मोदी सरकार के इन फैसलों की चर्चा देश के साथ-साथ पूरी दुनिया में होती आई है।
2024 लोकसभा सभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने एक और बड़े फैसले पर मोहर लगा दी है और वह है नागरिकता संशोधन अधिनियम CAA
CAA full form in hindi
CAA का फुल फॉर्म सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट हिंदी में इसे नागरिकता संशोधन कानून कहा जाता है. CAA कानून विपक्ष के तगड़े विरोध के बावजूद 2019 में लोकसभा में पारित किया जा चुका है । इसके बाद 10 जनवरी 2020 को राष्ट्रपति ने भी मंजूरी दे दी। लेकिन किन्हीं कारणों वश इसे लागू नहीं किया जा सका जो की अब केंद्र सरकार ने सोमवार 11 मार्च की शाम CAA पर नोटिफिकेशन जारी कर यह कानून भारत में लागू कर दिया है।
क्या भारत में CAA लागू हो गया है?
2019 में CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून लोकसभा और राज्यसभा में पारित हो गया था, लेकिन किन्हीं कारणों वश इसे लागू नहीं किया जा सका । लेकिन अब 11 मार्च को केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून पर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है और इसके साथ ही CAA नागरिकता संशोधन कानून देश भर में लागू हो गया है।
CAA का क्या फायदा है?
CAA कानून के तहत तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख ,बौद्ध ,जैन, पारसी और क्रिश्चियन समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।
इन शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलने के बाद उन्हें चुनाव में वोट डालने का अधिकार मिल जाएगा. संविधान के मुताबिक भारत में सिर्फ वही वोट डाल सकता है जो यहां का नागरिक हो।
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तीन मुल्कों से आए इन गैर मुस्लिम शरणार्थियों को CAA कानून से नागरिकता मिलने के बाद वोट डालने के अलावा उन्हें चुनाव लड़ने का अधिकार भी मिल जाएगा नागरिकता मिलने के बाद वह सांसद विधायक या पार्षद का चुनाव भी लड़ सकेंगे।
सी ए ए से नागरिकता मिलने के बाद यह नागरिक भी देश भर में कल्याणकारी सामाजिक योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे राशन कार्ड, गैस,बिजली, पानी ,उज्ज्वला योजना, आयुष्मान योजना ,पीएम आवास योजना, जेसी सरकारी स्कीम का लाभ उठा सकेंगे. ऐसे नागरिक किसी भी संवैधानिक पद पर भी नियुक्त हो सकेंगे।
CAA कानून के तहत नागरिकता पाने के बाद देश में समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धर्म संस्कृति एवं शिक्षा की स्वतंत्रता का अधिकार, संपत्ति का अधिकार तथा संवैधानिक उपचारों का अधिकार भी मिल सकेगा।
CAA में आवेदन कैसे करें?
केंद्र सरकार ने CAA संबंधित एक वेब पोर्टल तैयार किया है वहां के अल्पसंख्यकों को इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा .इसके बाद सरकारी जांच पड़ताल के बाद उन्हें कानून के तहत नागरिकता की दी जाएगी।
आवेदन कर्ता के लिए दस्तावेजों की सूची में जन्म प्रमाण पत्र किराएदारी रिकॉर्ड, पहचान पत्र, अफगानिस्तान पाकिस्तान और बांग्लादेश में सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी कोई भी लाइसेंस स्कूल या शैक्षिक प्रमाण पत्र शामिल है।
आवेदक को स्थानीय रूप से प्रतिष्ठित सामुदायिक संस्थान द्वारा जारी एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा जो पुष्टि करता हो कि वह हिंदू सिख बौद्ध जैन पारसी या ईसाई समुदाय से संबंधित है.
मैं भारत में सीएए के लिए आवेदन कैसे कर सकता हूं?
सीएए के तहत नागरिकता प्राप्त के लिए आवेदकों को अपनी व्यक्तिगत ईमेल आईडी मोबाइल नंबर का उपयोग करके पोर्टल पर लॉगिन करना होगा फिर उन्हें ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा. जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे और शुल्क का भुगतान करना होगा। नियमों के मुताबिक 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हिंदू सिख जैन इसाई, बुद्ध और पारसी लोग भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकेंगे .
CAA के तहत नागरिकता के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें
https://Indiancitizenshiponline.nic.in
CAA कानून से मुस्लिम समुदाय पर क्या होगा असर?
CAA कानून पर मुसलमानों के एक वर्ग ने चिंता जताई थी गृह मंत्रालय ने इस बात को क्लियर किया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार 12 मार्च को फिर नागरिकता संशोधन अधिनियम का के नियमों को स्पष्ट करने की कोशिश की है। भारत के गृहमंत्री अमित शाह जी ने इस बात पर जोर देकर कहा है की 18 करोड़ भारतीय मुसलमानों को किसी भी स्थिति में नागरिकता संशोधन अधिनियम CAA से डरने की जरूरत नहीं है. इससे उनकी नागरिकता और समुदाय पर कोई असर नहीं पड़ेगा, वे भारत में रहने वाले हिंदुओं की तरह ही अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
नागरिकता कानून से दूसरे देशों से आए पीड़ित लोगों को भारत के नागरिकता दी जाएगी. भारत के किसी भी नागरिक चाहे वह किसी भी धर्म का हो उनकी नागरिकता पर सीएए का कोई असर नहीं होगा इस कानून का उद्देश्य किसी भी नागरिक की नागरिकता छीनना नहीं है बल्कि उसे नागरिकता देना है।
गृह मंत्रालय ने कहा तीन मुस्लिम देश अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के कारण पूरी दुनिया में इस्लाम का नाम खराब हुआ है. इस्लाम ऐक शांतिप्रिय धर्म है, जिसमें धार्मिक आधार पर न तो नफरत है, न ही हिंसा की बात कही गई है।
CAA पर क्यों हो रहा है विरोध ?
CAA कानून पर मुस्लिम समाज और उनके कई संगठन विरोध कर रहे हैं. मुस्लिम समाज का मानना है कि इस कानून से मुसलमान को बाहर रखना गलत है यह समानता और अधिकार के खिलाफ है और इससे देश की एकता और अखंडताओं को नुकसान पहुंचेगा ।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की सबसे बड़ी वजह यही है. विरोध करने वाले इस कानून को एंटी मुस्लिम बताते हैं उनका कहना है कि जब नागरिकता देनी है तो उसे धर्म के आधार पर क्यों दी जा रही है इसमें मुसलमानों को शामिल क्यों नहीं किया जा रहा।
इस पर सरकार का तर्क है कि पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान इस्लामिक देश है और यहां पर गैर मुसलमानों को धर्म के आधार पर सताया जाता है, प्रताड़ित किया जाता है. इसी कारण गैर मुस्लिम यहां से भाग कर भारत आए हैं और इसीलिए गैर मुसलमानों को ही भारत की नागरिकता देने के लिए CAA कानून लाया गया है।
इस कानून के तहत इन तीन देशों के गैर मुसलमानों को 11 साल की बजाय 6 साल रहने पर ही नागरिकता दे दी जाएगी. बाकी दूसरे देशों के लोगों को 11 साल का वक्त भारत में गुजरना होगा भले ही वह किसी भी धर्म के हो।
CAA क्यों लागू किया गया ?
CAA की जरूरत इसलिए थी क्योंकि हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन और इसाई अल्पसंख्यक जो दशकों से भारत में आए और देश में बस गए वह पूर्व संशोधित नागरिकता कानून के तहत भारतीय नागरिकता हासिल नहीं कर सकते थे इसके चलते वह भारतीय नागरिकता के कई अधिकारों से वंचित थे।
CAA कानून का मतलब क्या है?
CAA: Aapne Ghabrana Nhi Hai...
— Yógèsh | ॐ | 🇮🇳 (@YogesVashist) March 11, 2024
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केंद्र सरकार ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन कानून का का नोटिफिकेशन जारी किया है इसके साथ ही सीएए कानून देश पर में लागू हो गया CAA से पाकिस्तान ,बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
क्या सीएए मुसलमानों को प्रभावित करता है?
नागरिकता संशोधन अधिनियम का उद्देश्य व्यक्तियों की नागरिकता की रद्द करने का नहीं है बल्कि यह कानून शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करता है इसलिए नागरिकता संशोधन से भारतीय मुसलमान या किसी अन्य नागरिक की नागरिकता पर कोई भी सवाल या खतरा पैदा नहीं करता है।
सीएए मुसलमानों को कैसे प्रभावित करता है?
गृह मंत्रालय की ओर से इस कानून पर बहुत ही स्पष्ट तौर पर जोर देकर क्लियर किया गया है कि भारतीय मुसलमान को चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि सीएए उनकी नागरिकता को प्रभावित करने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है और इसका भारत में रहने वाले 18 करोड़ भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है उनके पास पहले की तरह ही समान अधिकार रहेंगे।
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